राहु का ज्योतिष शास्त्र में विस्तार से वर्णन मिलता है. पुराणों में राहु को वृत्ताकार बताया गया है. यानी इसका कोई पिंड नहीं है. पृथ्वी के उत्तरी ध्रुव को भी राहु कहा जाता है. वैदिक ज्योतिष में राहु को मायावी ग्रह भी बताया गया है. इसे समझना बेहद मुश्किल है, इसीलिए इसके बारे में कहा जाता है कि कलियुग में राहु ही एकमात्र ऐसा ग्रह है जो राजा को रंक और रंक को राजा बनाने की क्षमता रखता है. राहु को क्रूर ग्रह माना जाता है. इसलिए यह दोनों ही ग्रह अक्सर बुरे परिणाम देते हैं. राहु के शुभ प्रभाव से व्यक्ति का व्यक्तित्व विकसित होता है. इस ग्रह के अशुभ प्रभाव से व्यक्ति को आर्थिक नुकसान, मानसिक तनाव और कई तरह की बीमारियां हो सकती हैं.
अगर राहु कुंडली में सही अवस्था में हो तो ये उम्मीद से कई गुना बेहतर परिणाम भी देता है. ये रातों-रात तकदीर बदलने वाला ग्रह है, इसलिए राहु ग्रह को कमतर आंकने की गलती कभी न करनी चाहिए. इससे प्रभाव से बचने के लिए लोग तमाम उपाय करते हैं. मंत्रों का जाप इनमें से एक है. धार्मिक मान्यता है कि, अगर कुछ मंत्रों का जप किया जाए तो राहु का प्रभाव कम होगा.
राहु का मंत्र और उसका प्रभाव
ॐ भ्रां भ्रीं भ्रौं स: राहवे नम:
यह राहु का बीज मंत्र है. इस मंत्र के जाप से व्यक्ति अपने पूर्व जन्मों के कष्टों से राहत पाता है, मानसिक शांति मिलती है, और राहु से उत्पन्न भय व चिंता कम होती है
“ॐ रां राहवे नमः”
यह राहु ग्रह को समर्पित एक शक्तिशाली मंत्र है, जिसे जाप करने से राहु के नकारात्मक प्रभाव कम होते हैं और सकारात्मक ऊर्जा बढ़ती है. इन दोनों मंत्रों का 108 बार जाप करना चाहिए. इससे राहु का प्रभाव कम होगा.
राहु के मंत्र के जाप के फायदे
दोषों से मुक्ति: राहु का मंत्र जप करने न केवल आपके पूर्व कर्मों के दोष समाप्त होंगे, बल्कि आपको ओस जन्म में कष्ट भुगतना पड़ रहा है, तो उसमें भी आपको राहत मिलेगी. इसके अलावा, कुंडली में राहु दोष, कालसर्प दोष या ग्रहण योग का प्रभाव भी कम होगा.
भय दूर होगा: नियमित राहु का मंत्र जप करने से मानसिक शांति मिलेगी. इसके साथ ही,राहु से उत्पन्न भ्रम, चिंता और भय भी दूर होगा.
परेशानियों से मुक्ति: इस मंत्र का जप करने से रहस्यमयी बाधाओं से मुक्ति, अचानक आई परेशानियां, असफलताएं और कोर्ट-कचहरी जैसे मामलों से मुक्ति मिल सकती है.
एकाग्रता बढ़ेगी: यह मंत्र ध्यान और एकाग्रता में वृद्धि करता है. राहु मानसिक भ्रम का कारक होता है. यह मंत्र उस पर नियंत्रण देता है.
रुके कार्य बनेंगे: राहु बीज मंत्र के प्रभाव से रुके हुए कार्यों में प्रगति होती है. इसके अलावा, यह मंत्र विदेश यात्रा और तकनीकी क्षेत्रों में सफलता, वैज्ञानिक खोज, मीडिया आदि में भी सफलता देता है.