राजमाता सिंधिया ने क्यों दी थी अपनी सगाई की अंगूठी? हेमंत खंडेलवाल ने किया खुलासा

ग्वालियर: मध्य प्रदेश बीजेपी के नवनियुक्त अध्यक्ष हेमंत खंडेलवाल झमाझम बारिश के बीच पहली बार ग्वालियर पहुंचे. एक ओर जहां कार्यकर्ताओं के हुजूम ने भारी बरसात के बावजूद गर्मजोशी से उनका स्वागत किया तो वहीं प्रदेशाध्यक्ष ने भी स्वागत समारोह में राजनीति के क्षेत्र में भारतीय जनता पार्टी के लिए ग्वालियर की भूमिका बताई. इस बीच उन्होंने राजमाता सिंधिया के खास त्याग का भी जिक्र किया.

झमाझम बारिश में ग्वालियर पहुंचे हेमंत खंडेलवाल

मध्य प्रदेश में भारतीय जनता पार्टी के द्वारा नए प्रदेश अध्यक्ष के रूप में हेमंत खंडेलवाल को चुने जाने के बाद अब नवनियुक्त प्रदेशाध्यक्ष प्रदेश के अलग अलग क्षेत्रों में कार्यकर्ताओं के बीच पहुंच रहे हैं. इसी सिलसिले में गुरूवार को वे ट्रेन से ग्वालियर पहुंचे. नए प्रदेश अध्यक्ष के प्रथम नगर आगमन पर हजारों की संख्या में भारतीय जनता पार्टी कार्यकर्ता, नेता और मंत्री उनके स्वागत के लिए पहुंचे.

नए प्रदेशाध्यक्ष का स्वागत समारोह

रेलवे स्टेशन से शुरू हुआ स्वागत का सिलसिला जीवाजी विश्वविद्यालय के अटल सभागार में आयोजित कार्यक्रम तक चलता रहा. ग्वालियर के जीवाजी विश्वविद्यालय के अटल सभागार में आयोजित स्वागत समारोह में कैबिनेट मंत्री प्रद्युम्न सिंह तोमर, नारायण कुशवाहा समेत सांसद भरत सिंह कुशवाहा, बीजेपी के वरिष्ठ नेता जयभान सिंह पवैया समेत तमाम नेता मौजूद थे. जिन्होंने मंच पर नवनियुक्त प्रदेशाध्यक्ष का स्वागत किया.

जयभान सिंह पवैया ने की कार्यकर्ताओं की तारीफ

कार्यक्रम में भारतीय जनता पार्टी महाराष्ट्र के सह प्रभारी जयभान सिंह पवैया ने अपना संबोधन दिया. उन्होंने कहा कि "ऐसे मौकों पर उत्साह की वजह से कार्यकर्ताओं की संख्या तो हो जाती है लेकिन इंद्रदेव की ऐसी परीक्षा का मौका कम ही आता है. ग्वालियर के कार्यकर्ताओं ने आज साबित कर दिया है कि, चाहे राजनीक परिस्थितियां विपरीत हो या हवाएं तेज हों, भारतीय जनता पार्टी के ग्वालियर का कार्यकर्ता हर परिस्थिति पर विजय पाना जानता है."

'ग्वालियर में मौजूद है बीजेपी का तीर्थ'

अपने भाषण में जयभान सिंह पवैया ने ग्वालियर को बीजेपी के एकात्म मानववाद की विचारधारा की जन्मभूमि बताया. उन्होंने कहा कि "ग्वालियर के दौलतगंज में बनी एक धर्मशाला भारतीय जनता पार्टी के कार्यकर्ताओं के लिए तीर्थ के समान है क्योंकि उसी धर्मशाला में बैठकर जनसंघ के समय पंडित दीनदयाल उपाध्याय ने दुनिया को एकात्म मानववाद की विचारधारा दी थी."

उन्होंने भारतीय जनता पार्टी के नव कार्यकर्ताओं को सलाह दी कि वे एक बार जरूर उस धर्मशाला में जाकर देखें कि किस तरह 5 दिनों तक पंडित दीनदयाल उपाध्याय ने दरी पर बैठकर जनता के मनीषियों के साथ एकात्म मानववाद का शंखनाद किया था.