नई दिल्ली: अफगानिस्तान और हॉन्ग-कॉन्ग के बीच मुकाबले से एशिया कप 2025 का आगाज होने जा रहा है. दोनों टीमों के बीच मुकाबला अबू धाबी में है, जहां एक-दूसरे के खिलाफ हॉन्ग-कॉन्ग की जीत का रिकॉर्ड T20I में 100 प्रतिशत है. बेशक, इस आंकड़े को जानने के बाद आप थोड़े हैरान हुए होंगे. लेकिन यही सच है. और, अब एक बार फिर से अफगानिस्तान को हराने के लिए हॉन्ग-कॉन्ग 10 साल पुरानी तरकीब को आजमाने पर फोकस कर रहा है.
अबू धाबी में हॉन्ग कॉन्ग की जीत का 100 प्रतिशत रिकॉर्ड!
अबू धाबी में अफगानिस्तान और हॉन्ग-कॉन्ग के बीच मुकाबला भारतीय समय से रात के 8 बजे शुरू होगा. इसमें दो राय नहीं कि अबू धाबी, UAE के उन वेन्यू में है, जहां अफगानिस्तान का रिकॉर्ड सबसे बेहतर है. उसने यहां 11 T20 इंटरनेशनल मुकाबले जीते हैं और 5 हारे हैं. इन 5 हारों में ही अफगानिस्तान के खिलाफ हॉन्ग कॉन्ग की जीत भी अबू धाबी में छिपी है. एशिया कप 2025 में टकराने से पहले दोनों टीमें अबू धाबी में सिर्फ 1 T20 इंटरनेशनल मुकाबला खेली हैं, जिसमें हॉन्ग कॉन्ग ने अफगानिस्तान को 4 विकेट से हराया था. मतलब, उसकी जीत का प्रतिशत अबू धाबी में अफगानिस्तान के खिलाफ 100 प्रतिशत है.
10 साल पुरानी तरकीब से अफगानिस्तान को हराएगा हॉन्ग कॉन्ग?
अब सवाल है कि वो 10 साल पुरानी तरकीब क्या है, जिससे प्रेरणा लेकर हॉन्ग कॉन्ग, एशिया कप 2025 के पहले ही मैच में अफगानिस्तान को हरा सकता है. तो इसका ताल्लुक उस इकलौते T20I मुकाबले से है, जो दोनों टीमों के बीच 10 साल पहले यानी साल 2015 में खेला गया था. अबू धाबी में अफगानिस्तान को हराने के लिए हॉन्ग कॉन्ग एक बार फिर से वही पुराना पैंतरा आजमा सकता है.
यहां पैंतरे से मतलब हॉन्ग कॉन्ग की फील्डिंग और उसकी बल्लेबाजी से है. क्योंकि इन्हीं दो के जोर पर उसने एक दशक पहले खेले इकलौते T20 में जीत दर्ज की है. 2015 में जब पहली और आखिरी बार T20 इंटरनेशनल मुकाबले में दोनों टीमें टकराई थीं तो अफगानिस्तान ने पहले बल्लेबाजी करते हुए 20 ओवर में 6 विकेट पर 162 रन बनाए थे. उसके गिरे 6 विकेटों में से 3 विकेट रन आउट से मतलब चुस्त फील्डिंग के जरिए मिले थे. उसके बाद जब रनचेज की बारी आई तो बल्लेबाजों ने 163 रन के लक्ष्य को 2 गेंद पहले ही चेज कर लिया.
एशिया कप में हॉन्ग कॉन्ग का रिकॉर्ड कैसा है?
10 साल पहले हॉन्ग कॉन्ग ने जो अफगानिस्तान का हाल अबू धाबी में खेले T20 में किया, वो तो हमने जान लिया. अब देखना ये है कि 10 साल बाद भी इतिहास खुद को दोहराता है या पलटता है. वैसे एशिया कप में हॉन्ग कॉन्ग के 21 सालों का इतिहास कहता है कि उसने यहां अब तक खेले 11 मुकाबलों में से एक भी नहीं जीता है.