वर्षों पुराना तालाब बना मुसीबत, डोंगरी गांव में 80 बीघा जमीन जलमग्न

गुना। गुना जिले के डोंगरी गांव में स्थित वर्षों पुराना विशाल तालाब रविवार की रात को हुई वर्षा में अचानक फूट गया। इससे गांव में अफरा-तफरी मच गई। करीब 80 बीघा भूमि में फैला यह तालाब लंबे समय से सिंचाई और पशुओं के पानी का मुख्य स्रोत था। सुबह जब पानी तेज बहाव के साथ चारों ओर फैलने लगा तो ग्रामीणों को इसकी जानकारी हुई। देखते ही देखते तालाब का पानी आसपास के खेतों, रास्तों और कुछ कच्चे मकानों में जा घुसा।

तालाब के किनारे बसे कुछ किसानों की फसलें पूरी तरह जलमग्न हो गई हैं। सोयाबीन, मक्का की बोवनी हाल ही में की गई थी, जो पानी भरने से खराब होने की आशंका है। किसानों ने बताया कि तालाब की पाल कई वर्षों से कमजोर थी।  तहसीलदार ने बताया कि प्रारंभिक जांच में यह बात सामने आई है कि पाल की मिट्टी कमजोर हो चुकी थी और जलस्तर बढ़ने से दबाव नहीं झेल सकी।

गोपीकृष्ण सागर डैम के चार गेट खोले गए, कलेक्टर ने किया निरीक्षण

जिले में लगातार हो रही भारी बारिश के चलते गोपीकृष्ण सागर डैम में जलस्तर तेजी से बढ़ रहा है। शनिवार को डैम में बढ़ती जल आवक को देखते हुए चार फ्लड गेट खोल दिए गए हैं। स्थिति की गंभीरता को भांपते हुए कलेक्टर किशोर कुमार कन्याल स्वयं मौके पर पहुंचे और डैम का गहन निरीक्षण कर संबंधित विभागों को आवश्यक दिशा-निर्देश दिए।निरीक्षण के दौरान जल संसाधन विभाग के अधिकारियों ने बताया कि डेम के जलग्रहण क्षेत्र में लगातार बारिश के कारण पानी की आवक बनी हुई है। जलस्तर को संतुलित बनाए रखने के लिए डैम के गेट क्रमांक 02, 03, 04 और 05 को 4.00 मीटर तक खोला गया है, जिससे लगभग 407 क्यूमेक्स जल का बहाव किया जा रहा है। हालांकि फिलहाल डैम का जलस्तर पूर्ण जल स्तर (Full Reservoir Level) से लगभग एक मीटर कम है, फिर भी प्रशासन ने पूरी सतर्कता बरतते हुए समय रहते सभी आवश्यक कदम उठाने शुरू कर दिए हैं।

अफसरों को दिए निर्देश

निरीक्षण के दौरान कलेक्टर कन्याल ने डैम की सुरक्षा व्यवस्था, तकनीकी निगरानी और आमजन की सुरक्षा को लेकर कई निर्देश जारी किए। राघौगढ़ एसडीएम विकास कुमार आनंद को निर्देशित किया गया कि वे पुलिस विभाग के सहयोग से डैम क्षेत्र में पर्याप्त पुलिस बल की तैनाती सुनिश्चित करें। पब्लिक एड्रेस सिस्टम लगाए जाएं, ताकि डैम के पास मौजूद लोगों को समय पर सूचना दी जा सके। शाम 6:30 बजे के बाद डैम क्षेत्र में आमजन के प्रवेश पर पूर्ण प्रतिबंध लागू करने के निर्देश दिए गए हैं, जिससे किसी भी प्रकार की अप्रिय घटना को रोका जा सके। डैम से जल प्रवाह के संभावित प्रभाव वाले गांवों को पूर्व में ही अलर्ट किया जाए और स्थिति बिगड़ने पर उन्हें तत्काल सुरक्षित स्थानों पर शिफ्ट करने की योजना तैयार रहे। साथ ही गोताखोरों की टीम की व्यवस्था भी की जाए, ताकि आपातकालीन स्थिति में रेस्क्यू कार्यों को अंजाम दिया जा सके।

कलेक्टर ने बताया कि डैम की स्थिति पर लगातार निगरानी रखी जा रही है और जल संसाधन विभाग, पुलिस, एसडीएम कार्यालय तथा आपदा प्रबंधन की टीमें चौबीसों घंटे सक्रिय हैं। उन्होंने जिलेवासियों से अपील की कि वे अफवाहों से बचें, डैम क्षेत्र में अनावश्यक न जाएं और प्रशासन द्वारा जारी निर्देशों का पालन करें। डैम की स्थिति भले ही नियंत्रण में है, लेकिन यदि बारिश का दौर ऐसे ही जारी रहा तो अगले कुछ दिनों में स्थिति अधिक चुनौतीपूर्ण हो सकती है। ऐसे में प्रशासन ने प्रोएक्टिव रणनीति अपनाते हुए पहले ही सभी व्यवस्थाएं दुरुस्त करना शुरू कर दिया है।